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*मुक्तांजलि एंबुलेंस योजना बना लूट का जरिया, यहां बाबू से लेकर अधिकारियों तक फर्जी बिलिंग से कर रहे है करोड़ों का खेल….*

*चिकित्सा शिक्षा रिश्वतखोर बाबू को ACB ने किया गिरफ्तार, इधर DHS में मुक्तांजलि 1099 घोटाले की धांधली पर कार्रवाई*

*चिकित्सा शिक्षा रिश्वतखोर बाबू को ACB ने किया गिरफ्तार, इधर DHS में मुक्तांजलि 1099 घोटाले की धांधली पर कार्रवाई*

*मुक्तांजलि एंबुलेंस योजना बना लूट का जरिया, यहां बाबू से लेकर अधिकारियों तक फर्जी बिलिंग से कर रहे है करोड़ों का खेल….*

*ACB, EOW में लिखित शिकायत के बावजूद इन्हें मिली है गरीब मरीजों की लाशों पर मुनाफे की छूट……..*

*रायपुर हिंदू टाइम्स न्यूज़*।

चिकित्सा शिक्षा विभाग में एक और रिश्वतखोरी पर बाबू के खिलाफ ACB ने कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार किया है। दूसरी ओर मुक्तांजलि एंबुलेंस 1099 सेवा में करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में  ACB, EOW में शिकायत के बाद भी अधिकारियों पर मेहरबानी दिखाई जा रही है। और अधिकारी गरीब मरीजों की लाशों को बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।

बता दें रायपुर के आयुक्त चिकित्सा शिक्षा कार्यालय में कार्यरत चवाराम बंजारे बाबू को एसीबी ने सोमवार को रंगेहाथ पकड़ लिया। उसने स्वास्थ्य विभाग से तुकाराम लहरे का पेंशन प्रकरण निपटाने के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। लहरे की ओर से पैसे नहीं दिए जाने पर 7 महीने से उन्हें घुमा रहा था। परेशान होकर बुजुर्ग ने इसकी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत की। उसके बाद कार्रवाई की गई। बांबू के पास से 50 हजार रुपए भी जब्त कर लिए है।

स्वास्थ्य विभाग में मुक्तांजलि 1099 एंबुलेंस योजना के नाम पर गरीब मरीजों की लाशों का सौदा किया जा रहा है। भ्रष्टाचार से जेब भरने के लालच में स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के अधिकारी इतने अंधे हो चुके है कि ये बेईमान किसी की मां, पिता, भाई, बहन तक की कागजों में हत्या कर रहे। और फर्जी बिल लगाकर हर महीने सरकार को करोड़ों चुना लगा रहे हैं।

 

दरअसल स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मौत के बाद उनकी लाशों को ही कमाई का जरिया बना लिया गया है। जिसमें मुक्तांजलि एंबुलेंस योजना के नाम पर फर्जी बिल लगाकर हर महीने करोड़ों रुपए का गबन किया जा रहा है। बिलों की पड़ताल हुई तो पता चला कि बिल के नाम से सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है, उसे बिल में दिए हुए नाम, पते, फोन, नंबर सब गलत है। कहां जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसी तरीके से सालों तक 50% से ज्यादा फर्जी बिल लगाकर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अमानवीय पहल को देखते हुए विश्व हिंदू परिषद, बजरंगदल जैसे संगठनों ने CM से लेकर ACB, EOW में लिखित शिकायत की है, जिसमें नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन और एंबुलेंस एजेंसी कैंप गिरोह बनाकर योजना में करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। घोटाले में संदिग्ध भूमिका में घिरे योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन के ऊपर नौकरशाहों की मेहरबानी बरक़रार हैं.पूरे मामले में स्वास्थ्य संचालक प्रियंका शुक्ला के द्वारा कोई कार्रवाही नहीं करना भी संदेह पैदा करता हैं.विभाग की काली करतूतों पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल से सवाल पूछने पर कार्रवाही की जाएगी कहकर टाला जा रहां हैं.ऐसा लगता है की इस बड़े घोटाले पर ही पर्दा डालने का काम किया जा रहा हैं.विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर कमलेश जैन स्वास्थ्य सेवाएं विभाग का कर्मचारी ही नहीं है।

डॉक्टर कमलेश रायपुर मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में सह प्राध्यापक के पद पर संविदा के तहत नियुक्त है। किसी भी संविदा कर्मचारियों को दूसरे विभाग में प्रति नियुक्ति नहीं दी जा सकती। बावजूद स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर कमलेश जैन को प्रति नियुक्ति दी गई। जबकि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज में शिक्षक के तौर पर नियुक्त डॉक्टर कमलेश जैन की नियुक्ति प्रक्रिया पर पहले ही सवाल उठे हुए हैं।सुशासन की सरकार में स्वास्थ्य विभाग केवल लूटपाट का अड्डा बना हुआ हैं.करोड़ो के खेल में कई लोगो की सहभागिता है यह मामला जाँच से खुल पायेगा.सूबे के मुखिया इस मामले में कितने गंभीर है यह भी पता चल जायेगा.ऐसा लगता है की स्वास्थ्य विभाग को कमलेश जैन जैसे लोग ही संचालित कर रहे हैं।

Anil Mishra

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