*साय मंत्रिमंडल में हो सकते है अमर,पुरंदर और अजय…..*बहुत जल्द भाजपा के संगठन में हो सकता बड़ा बदलाव…..

Hindu Times
भाजपा संगठन की कमजोर व्यवस्था मंडल व आयोग की सूची के जारी होते ही सामने आ गई.ऐसा लगता है की आज भी पुराने मठाधीश ही पार्टी को संचालित कर रहे हैं।बड़ी बड़ी बाते बोलने वाले संगठन के नेता भी पुराने तौर तरीकों को ही अपना लिए हैं।एक तरफ़ पुराने नेताओ को बाहर करने की बात कही जाती है वही पुराने नेताओ को खोजकर आयोग व मंडल की जिम्मेदारी दी गई है,वैसे भाजपा में कुछ भी हो सकता है।जब पूर्व सांसद महापौर बन सकता है वही दूसरी और एक पूर्व सांसद को आयोग की जिम्मेदारी दी गई है वही भाजपा की रमन सरकार में संगठन की बड़ी जिम्मेदारी निभाने वाले को भी मंडल में लिया गया हैं।इस सूची को लेकर पार्टी में बड़ी नाराजगी देखी जा रही हैं अब इसको लेकर विरोध भी सामने आ रहा हैं।सुनने में यह भी आया है की बेंगलोर में आरएसएस की बैठक हुई थी जहाँ संघ के बड़े पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के दो बड़े नेताओं की लंबी क्लास लगायी थी।इन दोनों नेताओ से दिल्ली तक नाराजगी बतायी जा रही हैं।
आयोग मंडल में पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी भी सामने आ गई हैं।पूर्व में जिनको हार मिली उनको किस योजना के तहत पार्टी ने जिम्मेदारी दी है यह समझ से परे हैं।युवाओ को आगे लाने की बात बोलने वाली भाजपा का यहाँ पर बदला चेहरा नजर आया!मलाई खाने वालो को फिर एक मौका देकर पार्टी किस पद्धति का अनुपालन कर रही है यह पार्टी के किसी साय को ही समझ आ रही हैं।
रायपुर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष नंदकुमार साहू को बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी के रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके साहू को यह पद दिया गया है। राजीव अग्रवाल पार्षद का चुनाव हार चुके हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड का अध्यक्ष बनाया गया। कभी बहुजन समाज पार्टी और फिर कांग्रेस में रहे सौरभ सिंह को खनिज विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है। सौरभ 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस से हार चुके हैं।इन नेताओ को बड़ी जिम्मेदारी देकर पार्टी ने अपने तौर तरीके को बता दिया।भाजपा कैडरबेस पार्टी हैं.पर अब शायद भाजपा की सोच बदली हुई दिखने लगी हैं।
खबर है कि देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद प्रदेश में मंत्रिमंडल को लेकर सरकार बड़े फैसले कर सकती है। इस वक्त प्रदेश में मंत्रियों की संख्या पूरी नहीं हुई हैं, इनको बहुत जल्द भरा जा सकता है।चर्चा यह है की प्रदेश संगठन से लेकर दिल्ली तक मंत्री किसे बनाया जाए इसे लेकर कई दौर पर चर्चाएं हो चुकी हैं। नाम करीब-करीब तय हैं, अब घोषणा का इंतजार है। वैसे मीडिया में गजेंद्र यादव और पुरंदर मिश्रा का नाम भी बहुत ज़्यादा चर्चा में था पर इसके साथ ही एक चर्चा यह भी है कि प्रदेश की सरकार में नए मंत्री बनने लगभग तय है इसमें अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत जैसे नेताओं में से किसी को जगह मिल सकती है।जिस तरीके से पुराने लोगो को आयोग में जिम्मेदारी दी गई है उससे तो यह साफ़ है की पार्टी अपने नए फार्मूले को ही बोरी में बंद कर दी हैं।अब दिग्गज नेताओं को मंत्री पद देने का फैसला कर सकते है।
