छत्तीसगढ

NRDA जमीन आवंटन मामला: IAS सौरभ कुमार ने कोर्ट में IAS किरण कौशल का लिया नाम…….हाईकोर्ट ने आईएएस को लगाई फटकार……

NRDA जमीन आवंटन मामला: IAS ने कोर्ट में मांगी माफी, कहा नहीं समझ आया था आदेश

बिलासपुर। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) द्वारा जमीन आवंटन में की गई कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने आदेशों का उल्लंघन करने और लंबित याचिका के बावजूद जमीन आवंटित करने पर अलॉटमेंट कमेटी के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।जमीन आबंटन के मामले में आईएएस सौरभ कुमार उच्च न्यायालय में उपस्थित हुए थे.

हाईकोर्ट की फटकार

सुनवाई के दौरान NRDA के सीईओ और आईएएस   सौरव कुमार व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हुए। कोर्ट ने पूछा कि जब मामला विचाराधीन था, तब जमीन का आवंटन किस आधार पर किया गया। सौरव कुमार ने कहा कि उन्हें आदेश समझ नहीं आया, जिस पर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “क्या हम यह लिख दें कि आईएएस अधिकारी को हाईकोर्ट के आदेश समझ में नहीं आया?”सीईओ द्वारा माफी मांगने और गलत शब्दों के इस्तेमाल की बात स्वीकार करने के बावजूद कोर्ट ने कहा कि आदेश की अवहेलना गंभीर मामला है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इस मामले पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की.

जमीन आबंटन के मामले में ias सौरभ कुमार ने Ias किरण कौशल का लिया नाम:

आईएएस सौरभ कुमार ने हाईकोर्ट को बताया की इस मामले के समय एनआरडीए में किरण कौशल आईएएस पदस्थ थी.कोर्ट के सामने एक आईएएस अफसर ने दूसरे आईएएस अफसर का नाम लिया.अब इसको लेकर अफसरशाही में चर्चा का माहौल बना हुआ है.अब राज्य की साय सरकार जमीन आबंटन के  इस मामले में आईएएस किरण कौशल के खिलाफ कार्रवाही करेगी या नहीं यह देखना बाकि है.वैसे उच्च न्यायालय के आदेश पर मामला पंजीबद्ध तो होना तय ही है.

गलत जानकारी देने पर असिस्टेंट मैनेजर की हुई खिंचाई:

हाईकोर्ट ने हलफनामा पेश करने वाले असिस्टेंट मैनेजर को भी तलब किया और हलफनामे में गलत जानकारी देने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने पूछा कि हलफनामा तैयार करने में लापरवाही क्यों बरती गई और चेतावनी दी कि उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि असिस्टेंट मैनेजर इस पद के योग्य नहीं हैं।

लंबित याचिका के बावजूद कोर्ट ने जमीन आवंटन पर पूछे कई सवाल:

कोर्ट ने पूछा कि जब याचिका लंबित थी, तब जमीन का आवंटन क्यों किया गया। सौरव कुमार ने बताया कि यह निर्णय अलॉटमेंट कमेटी की अनुशंसा के आधार पर लिया गया। इस पर कोर्ट ने कमेटी के गठन और इसके सदस्यों के बारे में जानकारी मांगी।

कमेटी के खिलाफ कोर्ट ने दिए एफआईआर के आदेश

कोर्ट ने आदेश दिया कि जमीन आवंटन प्रक्रिया में शामिल अलॉटमेंट कमेटी के सभी सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। कोर्ट ने कहा कि यदि याचिका पर निर्णय आने का इंतजार कर लिया जाता, तो यह समस्या नहीं होती।जानकारी के अनुसार, 27 सितंबर 2021 को कमेटी की अनुशंसा पर न्यू टैक ग्रुप को जमीन आवंटित की गई थी। यह आवंटन वर्ष 2023 में याचिका पर अंतिम निर्णय से पहले ही कर दिया गया, जो कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि आदेशों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों और संबंधित कमेटी के सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट की इस सख्ती से राज्य में सरकारी कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को लेकर एक मजबूत संदेश गया है।

Anil Mishra

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