नव संतुलन की सोच के साथ सूबे के मुखिया ने अपने मंत्रिमंडल का किया विस्तार….

Hindu times Raipur
छत्तीसगढ़ में सूबे के मुखिया विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार एक बड़ी राजनैतिक घटना कही जा सकती है, काफी समय से इस विस्तार की चर्चा राज्य में बनी हुई थी.किसी मंत्री को इस फेरबदल में नहीं हटाया गया.भाजपा की रणनीति को विपक्षी भी समझ नहीं पाते.प्रदेश के जातिगत समीकरणों को लेकर चलने का प्रयास है।इस विस्तार से भाजपा अपने भविष्य की योजनाओं को लेकर चल रही हैं.यह तो स्पष्ट हैं.
भाजपा ने इस बार सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के एक-एक विधायक को मंत्री बनाने का निर्णय लिया है। अंबिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल, दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव और आरंग विधायक खुशवंत साहेब को इस मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.यह निर्णय न केवल पार्टी के भीतर संतुलन बनाने का प्रयास है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भाजपा सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है।वही कुछ लोगो का यह सोचना हैं की बिहार चुनाव को लेकर भी इस मापदंड से विस्तार किया गया हैं.
इस मंत्रिमंडल विस्तार की देरी के पीछे बहुत सी बाते सुनने में आ रही थी.संभावित दावेदारों में संख्या भी काफी ज्यादा थी.सरकार और संगठन में सहमति न बनना एक महत्वपूर्ण कारण रहा है। हालांकि गजेंद्र यादव, खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल का चयन यह दर्शाता है कि भाजपा ने अभी से ही चुनाव को देखकर अपना गुणाभाग लगा रही हैं.सभी वर्ग को संतुष्ट करना भी सत्ता धारी दल के लिए जरुरी हैं.वैसे सरगुजा संभाग से काफी मंत्री इस सरकार में बने हैं.यह पहले कभी नहीं हुआ.मुख्यमंत्री के साथ ही संगठन के बड़े नेता पवन साय भी सरगुजा से ही हैं.सत्ता और संगठन में सरगुजा क्षेत्र का दबदबा हैं.
छत्तीसगढ़ में भाजपा का यह मंत्रिमंडल विस्तार कई दावेदारों को दुखी भी किया हैं कई बड़े चेहरे को इस विस्तार में आने की उम्मीद थी उनको पार्टी ने दरकिनार कर दिया. अमर अग्रवाल ,राजेश मूणत और अजय चंद्राकर जैसे दिग्गजों को इस विस्तार में आने की उम्मीद थी.इस विस्तार से सत्ता के समीकरणों को बदलने का प्रयास बताना कहा तक सही है यह देखना फ़िलहाल बाकि हैं.खैर साय सरकार के नए नवेले मंत्री अपने विभागों में किस प्रकार के सुधार और विकास योजनाएं लागू कर पाते हैं या पहले के मंत्रियो की तरह इनका भी वही रवैया रहा तो सत्ता में भाजपा की दोबारा वापसी आसान नहीं रहेगी! विष्णु देव साय सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाजपा को क्या फायदा होगा यह तो अगले चुनाव में नजर आएगा.वैसे सूबे के मुखिया विदेश यात्रा जाने से पूर्व मंत्रीमंडल विस्तार करके एक बड़ा काम कर दिया हैं.एक नव सोच नव संतुलन के साथ विकास की दिशा में चलने का प्रयास हैं.मुख्यमंत्री साय ने इस फेरबदल के साथ यह बता दिया की सुशासन में सभी वर्ग मिलकर प्रधानमंत्री मोदी की सोच को आगे बढ़ाएंगे.
