छत्तीसगढ

शराब कारोबारी ने तालाब को पाटकर बनाया खेल मैदान….एसडीएम ने की कार्रवाही…..

bilaspur Hindu times : बिलासपुर में जमीनों का खेल काफी समय से किया जा रहा है।कुछ बड़े भूमाफिया अपने पैसे व पॉवर से सरकारी जमीनों का खेल वर्षो से करते आ रहे है।न्यायधानी के बड़े शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया व उनके परिवार के लोगों ने तालाब की जमीन को पाटकर मैदान में तब्दील कर दिया है। तालाब के मूल स्वरुप को नष्ट करते हुए कब्जा कर लिया है और तार का फेंसिंग भी करा दिया है। बिलासपुर एसडीएम ने तालाब का मूल स्वरुप नष्ट कर कब्जा करने के आरोप में शराब व्यवसायी भाटिया पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका है। बिलासपुर एसडीएम ने नोटिस में सात दिनों के भीतर तालाब को वापस मूल स्वरुप में लाने खोदाई करवाना का निर्देश दिया है। जारी नोटिस में यह भी चेतावनी दी है कि आदेश पर अमल नहीं करने की स्थिति में जिला प्रशासन तालाब की खोदाई करवाएगा और इसका खर्चा भी शराब व्यवसायी से वसूला जाएगा।अब तक प्रशासन ने इस मामले में गिरफ्तारी भी नही की है।ऐसे मामले में गिरफ्तारी होनी थी।एक तरफ ऐसे बड़े लोग सामाजिक कार्यो का आयोजन करके शहर की जनता के सामने अपनी अच्छी छवि बनाने का काम करते है वही दूसरी ओर सरकारी जमीनों पर कब्जा करके अपनी मनमानी करते है।क्या ऐसे लोगो पर जिला प्रशासन भी मेहरबान है?ऐसे बहुत से सवाल है जिसका जवाब प्रशासन को देना होगा।

सरकंडा क्षेत्र में हुआ जमीन का बड़ा खेला

बिलासपुर शहर के अरपापर सरकंडा चांटीडीह पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर में स्थित भूमि को अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, उनके भाई गुरमित सिंह पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरुशरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के द्वारा मौजा चांटीडीह स्थित भूमि खसरा नंबर 7 तालाब का हिस्सा जिसका रकबा 0.50 ए है, मिट्टी डालकर पाट दिया है। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को लगने पर बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी ने संज्ञान में लिया है। छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन किए जाने पर सहिंता की धारा 253 के तहत दंडनीय अपराध होने के चलते एसडीएम ने मामले की जांच का निर्देश देते हुए तहसीलदार से जांच प्रतिवेदन पेश करने का निर्देश दिया था।

राजस्व दस्तावेज में तालाब की जमीन वर्तमान में भाटिया परिवार के नाम पर….बड़ा खेला हुआ…

जांच के दौरान पता चला कि चांटीडीह स्थित पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 06,07 रकबा क्रमशः 0.424, एवं 1.193 हेक्टेयर अधिकार अभिलेख में तुकाराम पिता लक्ष्मण साव, साकिन जूना बिलासपुर के नाम पर दर्ज है। संशोधन पंजी वर्ष 1962–63 के सरल क्रमांक 179 के अनुसार वाजिब उल अर्ज में उपरोक्त भूमि पैठू, ताल,पानी के नीचे दर्ज है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में खसरा 7/2,7/3,7/4 रकबा क्रमशः 0.283,0.263,0.263 हेक्टेयर भूमि अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह पिता हरवंश सिंह, गुरु शरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के नाम पर दर्ज है। जिसे उनके द्वारा मिट्टी डालकर लगभग 0.50 एकड़ रकबे को पाटा जा चुका है। तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नोटिस के जवाब में शराब कारोबारी ने तालाब को पाटने से इनकार किया था। शराब कारोबारी द्वारा तालाब को पाटने से इन्कार करने पर एसडीएम बिलासपुर ने तहसीलदार को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने कहा था।

अतिरिक्त तहसीलदार ने मामले की सौंपी रिपोर्ट

अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर ने मौके पर जाकर तीन गवाहों का शपथपूर्वक बयान लिया। जिसमें पता चला कि यहां तालाब स्थित था जिसे मिट्टी डालकर मैदान बनाया गया हैं एवं तार फेंसिंग कर लिया गया है। मौका जांच एवं राजस्व दस्तावेजों के अनुसार खसरा नंबर 7 के कुल 4 बटांकन हुआ है। खसरा नंबर 7/1, खसरा नंबर 6 के साथ शामिल में धर्मराज पिता रेवाराम वगैरह,खसरा नंबर 7/2 (0.283 हेक्टेयर) में अमोलक सिंह भाटिया, खसरा नंबर 7/3 (0.263), में गुरमित सिंह भाटिया,खसरा नंबर 7/4 (0.263 हेक्टेयर) में गुरु शरण सिंह भाटिया के नाम पर दर्ज है। खसरा नंबर सात में तालाब स्थित है। जिसके 0.50 डिसमिल भाग पर मिट्टी डालकर पाटा गया है। जिसे मौके पर साक्षियों के द्वारा प्रमाणित भी किया गया।अब इस मामले में जिला प्रशासन क्या कार्रवाही करेगा यह देखना बाकी है।अब शहर के बड़े लोग है इनकी गिरफ्तारी होना तो मुश्किल ही है।

Anil Mishra

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