*सीजीएमएससी के रीएजेन्ट घोटाले में ईडी की जाँच में होगा बड़ा खुलासा…..तीन आईएएस अफसरों पर गिर सकती है गाज…..*

@Hindu Times रायपुरः
cgmsc क़े बड़े घोटाले में तीन आइएएस भीम सिंह,चंद्रकांत वर्मा और पद्मिनी भोई साहू ईडी की राडार में……,ईडी की जांच से रीएजेंट घोटाले का बड़ा खुलासा आएगा सामने……नौकरशाही में बनी चर्चा……क्या इन तीनो आईएएस अफसरों का भी हाल रानू साहू और समीर बिश्नोई की तरह होगा…..
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में हुए 500 करोड़ रुपये से अधिक के रीएजेंट और दवा खरीदी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेज हो गई है। ईडी अब तीन वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी में है, जो घोटाले के दौरान छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन (सीजीएमएससी) में पदस्थ थे। घोटाले के मुख्य आरोपित शशांक चोपड़ा सहित सात लोग पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। ईओडब्ल्यू और एसीबी मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी हैं, लेकिन ईडी का दावा है कि अब भी कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। ईडी की कार्रवाई को लेकर प्रशासनिक महकमे में खलबली मची हुई है।प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा स्वास्थ्य विभाग के cgmsc के कारनामो की होती रही.अब ईडी की जाँच से बड़ा खुलासा सामने आएगा.अरबो के इस घोटाले में अब नौकरशाहों की गिरफ़्तारी की चर्चा हैं.वैसे भीम सिंह के ऊपर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं.
ईडी ने जेल में बंद दवा व्यापारी और अफसरों से पूछताछ करने वाली है। इसके लिए कोर्ट से अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यही नहीं तीन आइएएस अफसरों को भी नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी है। चर्चा है कि ईडी जल्द कुछ और लोगों को गिरफ्तार कर सकती है। ईडी की टीम ने पिछले दिनों रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में 18 जगहों पर छापेमारी की थी। इससे पहले राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा और एंटी करप्शन
आडिट रिपोर्ट ने cgmsc की पोल खोली हैं.मनमानी करने का काम किया गया.जरूरत से ज्यादा दवा और उपकरण खरीदे गए।कमीशन खाने के चक्कर में खुलकर भ्र्ष्टाचार किया गया.कई अस्पतालों को ऐसी मशीने दी गईं, जिनकी जरूरत नहीं थी।776 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उपकरण सप्लाई किए गए, लेकिन 350 से ज्यादा केंद्रों में भंडारण सुविधा ही नहीं थी।डीएचएस (जनसांख्यिकीय और स्वास्थ्य सर्वेक्षण) ने बेसलाइन सर्वेक्षण किए बिना ही खरीदारी की। इसका मतलब है कि जिम्मेदार अफसरों ने पहले से कोई सर्वेक्षण नहीं किया था फिर भी खरीदारी कर ली।
ब्यूरो (ईओडब्ल्यू-एसीबी) ने दवा घोटाले के मुख्य सूत्रधार मोक्षित कार्पोरेशन दुर्ग के संचालक शशांक चोपड़ा, दवा निगम अफसरों समेत सात लोगों को जेल भेज चुकी है।
सूत्रों की मानें तो आइएएस भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई से पूछताछ की गई पर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया, जबकि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान संकेत दिए थे कि घोटाले में दो बड़े अफसरों की भी भूमिका रही है। अब ईडी की जांच में कार्रवाही होनी लगभग तय हैं.सुशासन की सरकार में भी ये तीनो अफसर मलाई दार जगह पर बैठे हुए हैं.
