छत्तीसगढ

*बिलासपुर में बेखौफ शराब माफिया का कारोबार……रायपुर से आई टीम ने पकड़ा बड़ा जखीरा — स्थानीय आबकारी विभाग की नाकामी उजागर”……….*

बिलासपुर में बेखौफ शराब माफिया, रायपुर से आई टीम ने पकड़ा बड़ा जखीरा — स्थानीय आबकारी विभाग की नाकामी फिर एक बार सामने आई हैं.वैसे आबकारी मंत्रालय सूबे के मुखिया के पास ही हैं.मुख्यमंत्री के विभाग का जब यह हाल है तो आप समझ सकते हैं बाकि विभागों का क्या हाल होगा.इस मामले से यह बात भी सुनिश्चित हो गयी है की जिले के आबकारी अधिकारियो को किसी का भी डर नहीं हैं.अफसरों की मनमानी सुशासन की सरकार में चरम पर हैं 

बिलासपुर..रविवार को बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र में रायपुर से पहुंची सेंट्रल आबकारी टीम ने बड़ी मात्रा में अवैध कच्ची शराब और लहान बरामद किया। इस कार्रवाई ने बिलासपुर आबकारी विभाग की निष्क्रियता और उदासीनता की पोल खोल दी है।स्थानीय स्तर पर लंबे समय से चल रहे इस अवैध कारोबार की जानकारी न होना या जानबूझकर अनदेखी करना, दोनों ही स्थितियां विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। ग्रामीणों की माने तो यहां कच्ची शराब का कारोबार वर्षों से राजनीतिक संरक्षण और विभागीय मिलीभगत के चलते फल-फूल रहा है।

खुलेआम बनती शराब आबकारी विभाग चीर निद्रा में

चौंकाने वाली बात यह रही कि जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर खुलेआम शराब बनाई और बेची जा रही थी, लेकिन स्थानीय आबकारी अमला पूरी तरह से निष्क्रिय बना रहा। जब शिकायत ऊपर तक पहुंची, तब जाकर रायपुर की टीम को हस्तक्षेप करना पड़ा और अवैध शराब के अड्डों पर छापा मारकर सैकड़ों लीटर महुआ और लहान नष्ट किया गया।इस कार्रवाई ने न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही उजागर की है, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि स्थानीय विभाग की आंखों के सामने यह सब होता रहा और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब सवाल ये उठता है कि क्या जिले के आबकारी अधिकारी की सांठगांठ के बिना इतना बड़ा काम किया जा सकता हैं.आबकारी के अफसरों की मिलीभगत के बिना यह काम सम्भव भी नहीं हैं.साय सरकार को इस मामले की विशेष जाँच करवाने की आवश्यकता हैं इससे इस अवैध कारोबार में शामिल अधिकारी नप सकते हैं.

 

Anil Mishra

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