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बदहाल स्मार्ट सिटी को स्वच्छता पर अवार्ड…अवार्ड पाने का गजब का खेला हैं भैया…

बिलासपुर हिन्दू टाइम्स

स्वच्छता में अवार्ड लाकर अपनी पीठ थप थपाने का खेल कल की बारिश में नजर आ गया.फर्जी कागजो से क्या नहीं होता यह भी नजर आ गया.गंदगी से भरे पड़े शहर को पुरे देश में स्वच्छता पर द्वितीय नंबर का तमगा मिलना समझ से परे हैं.बिलासपुर निगम के अफसरों को भी मानना पड़ेगा.कागजो का ऐसे खेल भी किये जाते हैं.देश का दूसरा सबसे स्मार्ट और स्वच्छ शहर बनने का तमगा मिलते ही बिलासपुर सुर्खियों में आ गया, लेकिन एक रात की झमाझम बारिश ने इसकी  पोल खोल दी। शहर के मोहल्लो में नालियों का गन्दा पानी लोगो के घरो में घुस आया ,रातभर शहर के कई क्षेत्रो में  बिजली बंद रही.ऐसे शहर को स्वच्छता के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का गर्व मिला. नेता और अफसर पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन जनता पूछ रही है – “क्या इसी को कहते हैं स्मार्ट सिटी?”अंधेर और गंदगी से भरी नगरी का ऐसा हाल उस शहर को और नेताओ को क्या सम्मान पाने का हक़ हैं?


न्यायधानी को कुछ दिन पहले ही स्वच्छता और स्मार्ट सिटी सर्वेक्षण में पूरे देश में दूसरा स्थान मिला। दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव, महापौर पूजा विधानी और नगर निगम आयुक्त अमित कुमार को यह पुरस्कार सौंपा। यह उपलब्धि पूरे शहर के लिए गर्व का क्षण थी, लेकिन जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल अलग हैं

बुधवार की देर रात हुई तेज बारिश ने पूरे शहर की स्मार्ट प्लानिंग की पोल खोल दी। बादलों की तेज गर्जना के साथ हुई झमाझम बारिश से शहर के लगभग हर वार्ड में जलभराव की स्थिति बन गई। नालियां ओवरफ्लो हो गईं, सड़कों पर पानी बहने लगा और लोग घंटों तक बिजली गुल रहने से परेशान होते रहे।

बिजली तो हवा चलते ही बंद हो जाती हैं और मच्छरों के आतंक से जनता त्रस्त हो चुकी हैं.शहर में मंत्री और अफसरों के बंगले में ही सफाई नजर आएगी.जनता गंदगी के ढेर में जीने को मजबूर हैं.विपक्ष को जनता की समस्याओं से भी कोई सरोकार नहीं रहा.शहर की नालियां बजबजाइ पड़ी हुई हैं.ट्रिपल ईंजन की सरकार के बावजूद जनता की समस्याओ का समाधान नहीं हो पा रहा हैं.शहर में निगम की अद्भुत वास्तुकला आपको कई मोहल्लो में नजर आ जाएगी.स्मार्ट सड़क की नालियो को ढंकना तक अफसर भूल गए हैं.

वाहवाही लूटने में मस्त नेता, अफसर अपनी मौज में..

राष्ट्रपति से पुरस्कार मिलने के बाद बिलासपुर नगर निगम प्रशासन के अधिकारियों ने मीडिया पर जमकर प्रचार प्रसार  किया।मंत्री अरुण साव अपनी निजी टीम को इसके प्रचार प्रसार में लगा दिया.अब उप मुख्यमंत्री खुद निगम जैसे बड़े विभाग के कर्ता धर्ता हैं तो खेल तो होना सुनिश्चित था.लेकिन आम जनता अपनी शिकायतों में ही जूझ रही हैं.उसकी समस्या को देखने वाले अफसर और मंत्री अभी भी अपनी मौज में हैं.सुशासन की सरकार में जनता की समस्याओ का समाधान कब होगा.सब अपनी फर्जी कहानी से मिले सर्टिफिकेट का जश्न मना रहे हैं.

यह सम्मान पाना समझ से परे……
बिलासपुर स्मार्ट सिटी की बदहाल व्यवस्था से जनता त्रस्त हो चुकी हैं.स्वच्छ शहर का तमगा नगर निगम  कागजों के खेल पर दिखाकर तो लेकर आ गया हैं.पर शहर की वास्तविकता कुछ अलग ही हैं.वैसे शहर के लोग इसे फर्जी खेल की बड़ी उपलब्धि कह रहे हैं.साय सरकार के नगरीय निकाय मंत्री अरुण साव बिलासपुर में ही रहते हैं तो इस पुरे खेल को आप आसानी से समझ सकते हैं.फर्जी खेल का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता हैं.  स्मार्ट सिटी का असली चेहरा आपको आसानी से दिख सकता हैं.सर्टिफिकेट पाने से सरकार के निकाय मंत्री और नगर निगम प्रशासन क्या साबित करना चाहते हैं.बारिश की एक रात में शहर पानी से भर गया.आज भी केवल नाली नाला और डिवाइडर से आगे इस शहर का विकास नहीं दिखता.

Anil Mishra

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