जून में हो सकता है साय मंत्रिमंडल का विस्तार….सीएम सचिवालय मे आपसी खींचतान……

रायपुर 6 जून 2025। विष्णुदेव साय कैबिनेट के विस्तार की अटकलें फिर से एक बार तेज है। सब कुछ ठीक रहा, तो इसी महीने कैबिनेट विस्तार हो सकता है। हरियाणा पैटर्न पर ही छत्तीसगढ़ में कैबिनेट का विस्तार होगा, यानी कैबिनेट में 12 की जगह 13 मंत्री होंगे। लेकिन, सूत्र पॉच मंत्रियों के शपथ ग्रहण का दावा कर रहे हैं। अगर पॉच मंत्री शपथ लेते हैं, तो जाहिर है मौजूदा मंत्रिमंडल में से किसी एक को ड्राप करना होगा? लेकिन मंत्रिमंडल से बाहर होने में कई ऐसे नाम भी हैं जिससे हर कोई अचंभित हो जाएगा।
16 जून को हो सकता है शपथ
जानकारी के मुताबिक सूबे के मुखिया के दिल्ली प्रवास से इस बात की चर्चा जोरो पर हैं.निगम मंडल सहित एल्डरमेन की नियुक्ति को लेकर भी दबाव बना हुआ हैं.ऐसी चर्चा है कि जून माह में मंत्रिमंडल का विस्तार हो जायेगा। 16 जून को शपथ ग्रहण की तारीख तय हो सकती है। 13 जून को राज्यपाल रामेन डेका वापस रायपुर लौटेंगे। उसके बाद शपथ ग्रहण राजभवन में तय हो सकता है।संभावित मंत्रियों में कई दावेदार हैं.
साय सरकार में चार से पाँच मंत्री ले सकते हैं शपथ
नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा केंद्र सरकार के साथ ही राज्य की साय सरकार भी तेज गति से काम करने में लगी हुई हैं.इस अभियान के साथ ही सरकार में बस्तर का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर भी फैसला किया जाना हैं.वैसे पार्टी के अध्यक्ष भी बस्तर से ही हैं.इसके साथ ही बस्तर से लता उसेंडी को मंत्रिमंडल में जगह दिया जा सकता है।लता उसेंडी पूर्व रमन सरकार में मंत्री रह चुकी हैं.साय सरकार में बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष है।दूसरे नाम में गजेंद्र यादव का नाम भी मंत्री मंडल की देखा जा रहा है। गजेंद्र यादव पहली बार विधायक बने हैं। वहीं रायपुर से पुरंदर मिश्रा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।सूत्रों के अनुसार पुरंदर मिश्रा के लिए दिल्ली से दबाव दिया जा रहा हैं.
कमजोर रिपोर्ट वाले मन्त्रियो की होगी छुट्टी……
अगर चार से पांच मंत्रियों का शपथ हुआ, तो फिर दो मंत्री को ड्राप किया जायेगा? इसे लेकर अभी स्थिति पूरी तरह से साफ तो नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि सरगुजा के बड़े चेहरे के साथ ही महिला बाल विकास मंत्री को ड्राप किया जा सकता है। सरगुजा से मुख्यमंत्री के साथ ही और भी मंत्री हैं.दो मंत्री को हटाकर नए लोगो को मौका दिया जा सकता है.साय सरकार में कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट भी सही नहीं हैं.सूत्रों के अनुसार इस विभाग में सप्लायरों की मनमानी की शिकायत दिल्ली दरबार तक भेजी गयी हैं साथ ही स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट भी सही नहीं हैं.चर्चा यह भी है की दिल्ली नेतृत्व को राज्य सरकार की अच्छी रिपोर्ट नहीं मिली हैं.राज्य में नौकरशाहों की मनमानी की बात भी कही जा रही हैं.अफसर मंत्रियो को जनता से कोई सरोकार भी नही रहा.कमीशन खोरी का बड़ा खेल खुलकर किया जा रहा हैं.अब पार्टी हाई कमान भी बड़े फैसले लेने के मूड में हैं.
सीएम सचिवालय का कमजोर प्रदर्शन……
सीएम सचिवालय में भी अफसरों का आपसी तालमेल नहीं रहा…सरकार बनते ही ias पी दयानन्द को सीएम सेक्रेटरी बनाया गया था.सरकार अच्छी चलेगी इसकी उम्मीद सभी को थी पर इनकी भी कार्यशैली से सभी में नाराजगी नजर आने लगी.जनसम्पर्क जैसा दायित्व भी इनके पास रहा.आईएएस पी दयानंद सीएम विष्णु देव साय का चेहरा स्थापित कर पाने में भी कमजोर साबित हुए.करोड़ो रूपये बहाने के बाद भी सरकार का सही चेहरा बना पाने में जनसम्पर्क जीरो साबित हुआ.चर्चा है कि सीएम सचिवालय में भी बड़ा बदलाव होना तय है।
