साय मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा…..दिग्गज नेताओं को मिल सकता हैं मौका…..नौकरशाही में भी हो सकता है बदलाव……

Hindu Times Raipur
छत्तीसगढ़ में सरकार अभी सुशासन तिहार मनाने में लगी हुई हैं.साथ ही अब राज्य सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। इसके बाद सीएम विष्णुदेव साय और पार्टी के बड़े नेता के दिल्ली जाने की चर्चा जोर पकड़ी है।वैसे सूबे के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और दोनों उप मुख्यमंत्री 24 मई को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने दिल्ली जाएंगे। इसलिए वे 23 मई की रात में ही दिल्ली पहुंचेंगे। रात में दिल्ली में शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इसलिए सियासी गलियारे में एक बार फिर से दो नए मंत्री और दो मंत्रियों को हटाने की चर्चा काफ़ी समय से होती रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मीडिया से बातचीत में कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार शीघ्र होगा, लेकिन कब होगा ये कभी नहीं बताया। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि मई की आखिरी के आसपास मंत्रिमंडल में विस्तार की घोषणा हो सकती है।अमर अग्रवाल,अजय चंद्राकर,रेणुका सिंह,लता उसेंडी के नामो की बाते भी सामने आ रही हैं।वही दयाल दास बघेल,श्याम बिहारी जायसवाल,टंक राम वर्मा और लक्ष्मी रजवाड़े की छुट्टी हो सकती हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ नौकरशाही में हो सकता हैं बदलाव
मानसून सत्र के पहले विस्तार की पूरी संभावना भी हैं
भाजपा सूत्रों के अनुसार, मानसून सत्र के पहले साय सरकार के कैबिनेट में विस्तार की पूरी संभावना है। जुलाई में मानसून सत्र होगा।मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई दिग्गज भी अपनी जुगत में हैं.वैसे मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही कई कमजोर मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती हैं ।पार्टी ख़राब व कमजोर नेताओ की जगह पुराने चेहरे पर भी भरोसा कर रही हैं।वही कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं।इसके साथ ही कई नौकरशाहों को भी बदलने की बात सामने आ रही हैं।जिसमे आबकारी, महिला बाल विकास विभाग,स्कूल शिक्षा सहित सीएम सचिवालय में बदलाव हो सकता हैं।
हरियाणा मंत्रिमण्डल पैटर्न की है चर्चा
प्रदेश की साय सरकार की कैबिनेट में हरियाणा पैटर्न पर विस्तार किये जा सकते हैं।क्योंकि हरियणा में भी छत्तीसगढ़ की तरह 90 विधानसभा सीटें हैं। वहां 14 मंत्री बनाए गए हैं। इसलिए यहां भी अब भाजपा हरियाणा पैटर्न पर सीएम सहित 14 मंत्री रख सकते हैं। वर्तमान में सीएम साय सहित 11 मंत्री हैं। बाकी तीन मंत्री और बनाए जाने हैं। इसके लिए वरिष्ठ विधायकों से लेकर जूनियर विधायक मंत्री बनने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। कोई दिल्ली तो कोई अपने संघ से जुगाड़ लगा रहे हैं।वही कुछ दावेदार अपने दिल्ली दरबार के नेताओ से मंत्रिमंडल में आने की जुगत लगा रहा हैं।
