जिसको जाँच में ख़ुद दोषी माना उसकी ही पोस्टिंग कर दी….मंत्री के आदेश की अवहेलना करने वाले नौकरशाह को जिले की जिम्मेदारी…..?

Hindu Times
छत्तीसगढ़ में अक्सर अफसरों का किस्सा चर्चा में बना रहता है.नौकरशाह अपने खेल को करने में सफल हो ही जाते हैं.ऐसे ही एक मामले की बाते सचिवालय के साथ नवा रायपुर में काफी चर्चे में हैं.सुशासन की सत्ता में सूबे के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार करने वालो को सीधे चेतावनी देते है.वही नौकरशाह अपनी मनमानी पर उतारू दिखाई देते हैं.ऐसा लगता है कि इन अफसरों को किसी बात का डर भी नही हैं।नवा रायपुर स्थित एक विभाग के बड़े साहब एक भ्रष्टाचार की जाँच करते हैं जिसमे वो अफ़सर को दोषी मानते हैं.इस मामले की जाँच युवा मंत्री स्वयं देते हैं अब मंत्री का आदेश है तो जाँच भी सही तरीक़े से करनी इस नौकरशाह की मजबूरी भी हैं.जाँच में इस अफ़सर को दोषी मानते हुए विभाग के मुख्यालय में अटेच कर दिया जाता हैं यह दोषी अफ़सर अपने आपको बचाने की काफ़ी कोशिश भी करता हैं पर मामला मंत्री के कहने पर शुरू हुआ था इसलिये सेटिंग की गुंजाईश भी इस भ्रष्ट अफ़सर को नहीं मिल पाती.पर ये अफ़सर अपने गुणाभाग में लगा ही रहता हैं अन्ततः अपने विभाग प्रमुख को सेट करने में कामयाब हो ही जाता हैं.इस दोषी अफ़सर ने पहले भी करोड़ो का खेल किया हुआ हैं.उच्च अधिकारियों को कैसे और कब सेट करना है इसमें इस अफ़सर को महारत हासिल हैं।
युवा मंत्री के आदेश पर जिस अधिकारी की जाँच स्वयं विभाग प्रमुख करते है उसी अफ़सर को कुछ माह के बाद मलाईदार जगह में पदस्थ कर दिया जाता हैं जो अपने आप में गजब हैं.विभाग के अन्य अधिकारियों को भी यह खेला समझ से परे लग रहा हैं.जिसकी जाँच विभाग प्रमुख ख़ुद करके दोषी मानकर हटाते हैं उसी भ्रष्ट अधिकारी की पोस्टिंग कुछ माह के अंदर विभाग प्रमुख ख़ुद कर देते हैं आख़िर ऐसा क्या खेल हुआ जिसमे इस नौकरशाह ने उसकी पोस्टिंग उसके मनपसंद जगह में कर दी.छत्तीसगढ़ के नौकरशाहों का ग़ज़ब खेल है अपनी कार्रवाही पर ही सवालिया निशान उठाने वाले नौकरशाह को इससे कोई फ़र्क़ भी नहीं पड़ता हैं.
सरकार में बैठे मंत्री भी बेचारे सीधे व सरल है ऐसा नौकरशाहों का कहना हैं वही दूसरी ओर इनको नौकरशाह ही घूमा देते हैं इनको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा हैं.सत्ता में पहली बार जीते और मंत्री बन गए.इनको मंत्री का तौर तरीका समझने में अभी बहुत समय लगेगा.अभी तो ये मंत्री भी सातवे आसमान में उड़ रहे है.इस युवा मंत्री की अपने विभाग में शायद पकड़ कम है या फिर इन्होंने अपने अफ़सरों को खुली छूट दे रखी है.जो करना है करो.
सुशासन की धज्जिया उड़ाने वाले इस नौकरशाह को सरकार बड़ा ईनाम देकर जिले की कमान सौपती है जो अपने आप में समझ से परे हैं ऐसा भी नहीं है की इस मामले के खेल की जानकारी विभाग के मंत्री को न हो.नवा रायपुर के इस विभाग में आजकल इस बात की काफ़ी चर्चा बनी हुई हैं.सरकार को ऐसे मनमानी करने वाले नौकरशाहों से बचने की आवश्यकता हैं.वैसे भी विभाग में इस नौकरशाह ने कोई बड़ा काम किया भी नहीं था.उसके बाद जिले की बड़ी जिम्मेदारी देकर सरकार ने अपनी मंशा साफ़ कर दी हैं.मंत्री के आदेश पर हटाने वाले अफ़सर पर मेहरबानी निशुल्क तो नहीं की होगी.सूत्रो के अनुसार अच्छे लेनदेन की बाते भी सामने आ रही हैं.नए अध्यक्ष आने वाले थे उसके पहले ही खेल हो गया.हिस्सा पुरा खाने के चक्कर में जल्दबाजी करके मामले को निपटा दिया गया.विभाग के युवा मंत्री राज्य की आर्थिक माली हालत को सुधारने में लगे है,भ्रष्टाचार करने वालो को नहीं बख्शा जाएगा ऐसा कहने वाले मंत्री को ही नौकरशाह टहला रहे हैं.साथ ही अफ़सर उनके आदेश की ही अवहेलना करने में उतारू हैं.अब ऐसे मामलो पर सरकार क्या कर पाएगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता हैं.
