छत्तीसगढ

सुशासन सरकार आख़िर इन दोनों आईएएस अफ़सरों पर क्यो है मेहरबान……सुशासन कहीं नारो तक ही सीमित न रह जाए…..*

•Hindu Times•

 

*सीजीएमएससी घोटाले में पद्मिनी भोई साहू और भीम सिंह पर सुशासन सरकार हुई मेहरबान….* नौकरशाहों की तबादला सूची में इनका नाम नहीं होने की जबरदस्त चर्चा…..*

प्रदेश सरकार का सुशासन केवल हवा हवाई साबित होता नजर आ रहा है।सरकार को कुछ अच्छा करने की आवश्यकता हैं।कहीं यह केवल नारा तक ही सीमित न रह जाए।सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों का तबादला किया. इसमें अफ़सरों के कामो को लेकर नई जिम्मेदारी सौपी गई हैं.जिनके काम अच्छे थे उनको अच्छी जगह पदस्थ किया गया वही जिनका काम कमजोर या सही नहीं था उनका डिमोशन भी हुआ पर वही सुशासन की सरकार में सबसे ज़्यादा चर्चित विभाग के अफ़सरों का तबादला नहीं होना भी आश्चर्य सा लगा।सीजीएमएससी के अरबो के खेल में जिन अफसरों का नाम था उनमे केवल चंद्रकांत वर्मा को ही हटाया गया वही पद्मिनी भोई साहू और भीम सिंह पर सरकार की नरमी समझ से परे है।

इन दोनों नौकरशाहों में पद्मिनी भोई साहू प्रमोटिव आईएएस है वही भीम सिंह डायरेक्ट आईएएस हैं।इस मामले में राज्य की eow और acb जाँच कर रही है।इस मामले में कई लोगो की गिरफ्तारी भी हो चुकी हैं।सीजीएमएससी में करोड़ो का खेल किया गया था जिसमे आईएएस चंद्रकांत वर्मा,भीम सिंह और पद्मिनी भोई को बयान देने के लिए eow/acb ने अपने कार्यालय बुलाया था उस समय इस बात को लेकर काफ़ी चर्चा थी की इन तीनों अफ़सरो की गिरफ़्तारी जाँच एजेंसी कर सकती है।सीजीएमएससी के मामले में जितनी तेज़ी नज़र आ रही थी उससे कहीं ज़्यादा मामला अब ठंडा होता नज़र आ रहा हैं,

सूत्रो के अनुसार इस मामले में सुशासन की सरकार के एक पॉवर फुल मंत्री अफ़सरों को अभयदान देना चाहते हैं वही बहुत सी बाते भी बाजार में चल रही हैं।वैसे दवा कारोबार से जुड़े लोग काफ़ी पावरफुल रहते है ऐसा अब छत्तीसगढ़ में भी नजर आने लगा हैं।सरकार किसी की भी हो इन नौकरशाहों के ऊपर हाँथ डालने की हिम्मत किसी की भी नही है,सुनने में आ रहा है आईएएस चंद्रकांत वर्मा,पद्मिनी भोई साहू और भीम सिंह ने अपने बचाव को लेकर गुणभाग में लगे हुए हैं और अब ऐसा लगता भी है कि उसमें यह नौकरशाह सफल भी हो गए हैं।

सुशासन के सामने इनका कुशासन फ़ार्मूला ज़्यादा पावरफुल है।साय सरकार ने इनके ऊपर नरमी दिखाकर अपने नारे को ही कमजोर साबित कर दिया हैं।आईएएस अफसरों की जंबो लिस्ट जारी हुई पर पद्मिनी भोई साहू और भीम सिंह को सरकार ने हटाना मुनासिब भी नहीं समझा जो अपने आप में समझ से परे हैं।आख़िर सरकार की ऐसी क्या कमजोरी है जो इनके ऊपर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।सरकार की छवि इस मामले में ख़राब तो हो ही रही है वही भ्रष्ट अफ़सरों का हौसला बढ़ रहा है।इस मामले में सूबे के मुखिया को कार्रवाई करने की आवश्यकता है।सरकार के ऐसे फ़ैसले से जनता के सामने किरकिरी हो रही हैं।ऐसा लगता है की सीजीएमएससी मामले में इन अफ़सरों को सरकार ने अभयदान दे दिया हैं।कुलमिलाकर जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली सरकार भी भ्रष्ट अफ़सरों के सामने नतमस्तक हो चुकी है।वैसे इस विभाग का सीधा जुड़ाव आम जनता से है सरकार अब भी अगर नहीं जागी तो इस मामले से सरकार को बड़ा फटका भी लग सकता है।

सुशासन में भारी दिखता कुशासन…..कब खत्म होगी कुछ अफ़सरों की यह लूटपाट….और क्या क्या देखेगी  जनता….कब कोई सरकार करेगी इन भ्रष्ट लोगो पर कार्रवाई….कहीं सुशासन भी नारो तक न सिमट जाए…अब भी समय है सरकार के पास…..अब तो दिखाओ अपना सुशासन….

Anil Mishra

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