छत्तीसगढछत्तीसगढ जनसंपर्क

जल संरक्षण से सोनवर्षा ग्राम के ग्रामीण बने आत्मनिर्भर….

रायपुर: मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मनेन्द्रगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत सोनवर्षा के राधारमण नगर ग्राम में जल संकट लंबे समय से एक गंभीर समस्या बनी हुई थी। भूमिगत जल स्तर 450 फीट से भी नीचे चला गया था, जिससे गर्मियों में ग्रामीणों को पेयजल एवं सिंचाई दोनों के लिए भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता था। इस स्थिति से उबरने हेतु महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत खदान के पास नवीन तालाब निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। 12.80 लाख रुपए की लागत से 07 अक्टूबर 2023 को प्रारंभ यह कार्य ग्राम पंचायत की देखरेख में पूर्ण किया गया। निर्मित तालाब ने ग्रामीणों के निस्तार के साथ-साथ कृषि, मत्स्य पालन एवं आजीविका संवर्धन का भी प्रमुख साधन प्रदान किया।

तालाब के निर्माण से ग्रामवासियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। जहाँ पहले हर गर्मी में जल संकट एक बड़ी चुनौती बनता था, वहीं अब वर्षभर सिंचाई एवं पेयजल हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध है। खेतों में नमी बनी रहने से उत्पादन में वृद्धि हुई है तथा हरी-भरी फसलें ग्रामीणों की समृद्धि का प्रतीक बन रही हैं। तालाब में मछली पालन प्रारंभ होने से ग्रामीणों को आय का नया स्रोत प्राप्त हुआ है, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुए हैं।

जल संरक्षण से सोनवर्षा ग्राम के ग्रामीण बने आत्मनिर्भर

तालाब निर्माण के दौरान तकनीकी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया। बाँध की ऊँचाई एवं चौड़ाई इस प्रकार निर्धारित की गई कि वर्षा जल का अधिकतम संग्रहण हो सके और लंबे समय तक जल उपलब्ध रहे। पर्याप्त गहराई होने के कारण गर्मियों में भी जल का उपयोग संभव हो पा रहा है। यह केवल सरकारी प्रयास ही नहीं बल्कि सामुदायिक एकजुटता का भी उत्कृष्ट उदाहरण है।

ग्रामवासी बाबू सिंह, जीत नारायण एवं एक्का प्रसाद ने संयुक्त रूप से तालाब में लगभग 3000 मछली बीज डाले हैं। वे स्वयं इसकी देखरेख करते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि तालाब ने उनकी सबसे बड़ी समस्या-जल संकट का समाधान कर दिया है। उनका गाँव आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर है। सोनवर्षा-राधारमणनगर का यह तालाब आज जल संरक्षण एवं ग्रामीण विकास की प्रेरणादायी मिसाल बन चुका है।

News Desk

Related Articles

Back to top button