धर्म
वास्तव में हम लोग जातिवाद की तरफ हैं या रावण वाद की तरफ….अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अनन्तानन्द सरस्वती ,राजगुरु मठ पीठाधीश्वर -काशी.

आप जातिवादी हैं और कुंठित हो रहे हैं या समाज आपको कुंठित होने के लिए प्रेरित कर रहा है कि आज के जमाने में भी जातिवादी होना जरूरी है क्या?तो सुनिए और मनन करिए कि वास्तव में हम लोग जातिवाद की तरफ हैं या रावण वाद की तरफ! स्पष्ट भाषा में शुद्ध भाषा में भारतीय दर्शन ने पूर्व में भी यह प्रमाण दिए हैं की रावण ब्राह्मण कुल में जन्मा था लेकिन अपने आचरण के कारण पूज्य नहीं हो पाया।
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आचरण में क्या होना चाहिए वह प्रयास किया गया है इस व्याख्यान में रखने का और अगर हमारे आचरण में तप, त्याग तितिक्षा है तो निश्चित मानीए कि आपका जातिवाद सफल है! अन्यथा नाम तो जातिवाद का है लेकिन रावण के कार्य की पूर्ति कर रहे हैं..
अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अनन्तानन्द सरस्वती ,राजगुरु मठ पीठाधीश्वर -काशी
