*राजधानी की बात:मंत्रिमंडल की जुगत……कब होगा साय सरकार का विस्तार…..बड़े साहब देर रात तक अपने कार्यालय में…..*

•Hindu Times news Raipur•
मंत्रिमंडल विस्तार का मामला फिर अटका…..
प्रदेश में भाजपा की सत्ता को अब काफी समय हो गए हैं पर आज भी मंत्रिमंडल में दो मंत्रियो की जगह खाली पड़ी हुई है.जिस तरह से सरकार के चलने की उम्मीद थी वो आज भी नजर नहीं आ रही है,अलबत्ता इस सरकार को बहुत आसानी से समझा जा सकता है.मंत्रिमंडल विस्तार में पुराने चेहरे के साथ ही नए चेहरे को लेकर काफी चर्चा सुनने में रही थी.मंत्रिमंडल में तीन से चार मंत्रियो को हटाने की भी बाते आई थी.अटकलों का दौर आज भी चल रहा है.मंत्रिमंडल विस्तार के इंतजार में कई विधायक बैठे हुए है।पार्टी जातिगत समीकरण के हिसाब से नाम तय करने के मूड में है. भाजपा की सेंट्रल कमेटी मंत्रिमंडल में किसको रखना है यह तय कर लिया है।जातिगत समीकरणों के साथ ही कई मापदंड के आधार पर बहुत कुछ होना तय है।
निकाय चुनाव को साधना भी सत्ता पक्ष के लिये जरूरी है. नए समीकरण में मंत्रिमंडल विस्तार में अमर अग्रवाल व गजेन्द्र यादव का नाम तय होने की चर्चा थी।साथ ही अजय चंद्राकर व धरमलाल कौशिक का नाम भी सामने आ रहा था।वहीं महिला नाम में गोमती साय व भावना बोहरा के नाम भी सामने आ रहे है।मंत्रिमंडल विस्तार काफ़ी पहले हो जाता पर निगम व पंचायत चुनाव की वजह से मामला लटक गया।चर्चा यह भी है कि बाहर जाने वालो में चार से पाँच मंत्री है इसलिए चुनाव तक विस्तार को रोक दिया गया है।नये चेहरों को हटाया जा सकता है।मंत्री बनने की जुगत में कई विधायक लगे हुए है।प्रदेश की साय सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई बातें अक्सर सुनने में आती है पर सरकार व पार्टी हाईकमान कब फ़ैसला लेंगे यह देखना बाकी है।निकाय और पंचायत चुनाव के परिणाम भी बहुत कुछ बदला नज़र आयेगा।छोटे राज्य में उप मुख्यमंत्री के पद की वैसे भी कोई आवश्यकता नहीं है।हो सकता है कि पार्टी उप मुख्यमंत्री के पद को हटा दे।बड़े दो चेहरों के विभागों मे भी बदलाव किया जा सकता है।साथ ही दो बड़े चेहरों की मंत्रिमंडल से छुट्टी होने की भी सुगबुगाहट है।अब किसका पलड़ा भारी रहेगा यह निकाय चुनाव के बाद तय हो ही जाएगा।०
•देर रात तक बड़े साहब कार्यालय मे……
राजधानी में आजकल एक साहब की चर्चा चौराहों पर ज़्यादा है।साहब काफ़ी देर रात का अपने कार्यालय में बैठे रहते है।सूत्रों के अनुसार साहब अॉफिस समय के बाद भी विराजित रहते है कुछ लोगों का कहना है कि साहब का घर नये रायपुर में है इसलिए बेचारे देर रात तक ऑफिस में ही बैठे रहते है वहीं साहब के चाहने वालो का कहना है कि साहब को आई टॉनिक की या स्पेशल टॉनिक की बहुत आवश्यकता है जो साहब को मिल गई है इसलिए साहब अपनी टॉनिक को भी अपने कार्यालय में बैठा कर रखते है।जब टॉनिक साथ में है तो बेचारे बड़े साहब घर जाकर क्या करेंगे।अब साहब के बड़ी दो ज़िम्मेदारी है काम के साथ यह भी ज़रूरी है।कई बार तो साहब का कार्यालय १० बजे तक भी खुला रहता है।अब साहब के छोटे कर्मचारी भी त्रस्त हो चुके है।सुशासन की सरकार में नये क़िस्से हर जगह आ ही जाते है।अब बड़े साहब को अपने काम में लगे रहने दो…………
