छत्तीसगढ

बुजुर्ग महिला से हुआ बलात्कार ! आरोपी ने थाने मे कबुला ..?? सरकंडा पुलिस की घोर लापरवाही,थानेदार ने महिला की पहचान कर दी उजागर..?

आखिर किस गड़बड़ी को छुपाने के लिए थानेदार कर रहे हड़बड़ी..???आखिर अब तक इस मामले में उच्च अफसरों ने टीआई पर क्यों नहीं की कार्रवाही......न्यायधानी में अन्याय करते मदमस्त थानेदार पर किसका हाँथ है?

हिन्दू टाइम्स बिलासपुर../ प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर मे 65वर्षीय बुजुर्ग महिला से सामूहिक दुष्कर्म की आशंका जताने के बाद भी परिजनों के आरोपो को सरकंडा पुलिस ने गंभीरता से नहीं लेते हुए महिला सबंधि मामले मे घोर लापरवाही बरती है। नग्न अवस्था मे रक्तरंजित खून से लथपथ मे मिली 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला मामले मे सरकंडा पुलिस द्वारा की जा रही जाँच मे घोर लापरवाही सामने आई है। बिलासपुर की सरकंडा पुलिस की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना कार्यवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की मंगलवार की रात को हुई इस हैवानियत मे पूरी तरह निर्वस्त्र हालत मे खून से लथपथ मिली बुजुर्ग महिला की मेडिकल जांच गुरुवार को शाम करीब 5 बजे रायपुर के अस्पताल मे करवाई जा सकी ।


इतना ही नही घटना के तीन बाद मेडिकल जांच करवाने की प्रक्रिया पूरी होते ही मेडिकल रिपोर्ट आये बिना सरकंडा पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर महिला की पहचान को उजागर करते हुए पूरे मामले को हत्त्या के प्रयास का मामला बताकर एक आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा भी किया है। जबकि फोन से हुई बातचीत मे सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडे ने आने वाले सोमवार को अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट मिलने की बात स्वीकार की है। ऐसे मे सवाल खड़ा होना लाजिमी है की आखिर पुलिस ने किस गड़बड़ी को छुपाने के लिए इतनी हड़बड़ी मे महिला की पहचान उजागर कर दी.?? जबकि परिजनों और नग्न अवस्था मे मिली लहूलुहान मे मिली अचेत बुजुर्ग महिला को देख आसपास के लोगो ने भी बुजुर्ग महिला से गलत काम होने का संदेह जारी किया था..??


सिम्स प्रबन्धन ने भी माना की इतने गंभीर मामले मे पुलिस ने घोर लापरवाही बरती है.. सिम्स अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बुजुर्ग महिला को मगलवार को सुबह करीब 9 बजे अत्यंत गंभीर अवस्था मे इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था और स्तिथि बिगड़ता देख मंगलवार की रात को ही रायपुर एम्स रिफर् कर दिया गया था.. वही इस अतिसवेदनशील बुजुर्ग महिला सबन्धित मामले मे खुद सरकंडा पुलिस ने घटना की जानकारी होने के 30 घण्टे बाद बुधवार करीब दोपहर 2 बजे अस्पताल मे मेमो भेजकर महिला से गलत काम होने शंका जाहिर करते हुए मेडिकल जांच करने की बात लिखी थी.. जबकि महिला को मंगलवार की रात को ही इलाज के लिए राजधानी रेफर कर दिया गया था.. इसलिए सरकंडा पुलिस पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे की नग्न अवस्था मे मिली खून से सनी हालत मे मिली बुजुर्ग महिला के मेडिकल जांच के लिए मेमो भेजने मे लेटलतीफी करने वाली बिलासपुर की सरकंडा पुलिस ने अपनी किस गड़बड़ी को छुपाने के लिए महिला की पहचान उजागर करने मे इतनी हड़बड़ी क्यो कर दी..? जबकि आसपास रहने वालो के साथ साथ बुजुर्ग महिला के परिजनों ने भी दुष्कर्म का अंदेशा जाहिर किया था..??

वही हमारी पड़ताल मे भी चौकाने वाला खुलासा हुआ है कि बुजुर्ग महिला से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना मे पुलिस ने भारी लापरवाही बरती है. महिला के परिजनों और आसपास के लोगो सहित सरकंडा थाने मे तैनात पुलिस अफसरों से पूछताछ मे सामने आया है की पुलिस कस्टीडी मे आरोपी युवक ने पुलिस पूछताछ मे महिला के साथ अनाचार करने के जुर्म को कबूल किया था जिसकी जानकारी होने के बाद भी सरकंडा थाना प्रभारी ने इस पूरे मामले मे उच्च अधिकारियों को अंधेरे मे रख इस तथ्य से साफ इंकार कर दिया।


वही पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी ने पुलिस पूछताछ मे यह कबूल किया था कि उसने महिला को गलत नियत से छूते हुए गलत काम किया.पहले बुजुर्ग महिला से अनाचार किया और बाद मे उसकी हत्त्या करने के लिए उसपर पत्थर से जानलेवा प्रहार भी किया था। पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी के इस बयान के आधार पर पुलिस ने दो युवको को थाने मे लाकर पूछताछ भी की थी..।जबकि इस मामले मे थाना प्रभारी ने ऐसे किसी भी घटना से साफ इंकार करते हुए मामले मे सोमवार को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्यवाही करने की बात कही है.इस घटना में किस लिए लीपापोती की जा रही है यह जाँच का विषय है.

वही इस मामले मे अभी तक घटनास्थल की फॉरेंसिक जाँच भी नही हो पाई है इतना ही नही एक सब इन्स्पेक्टर  मौके पर अकेले जा कर महिला के परिजनों से सेम्पल इकट्ठा करवा कर लीपा पोती करते हुए कानूनी खानापूर्ति कर ली? एक तरह जहाँ थानेदार के सिपासालार ख़ुद इसकी पुष्टि कर रहे है की आरोपी ने कबूल किया है की महिला से दुराचार किया है और उसके बाद उस पर जानलेवा हमला किया है .. हालाँकि पुलिस ने उसके इस बयान को नशे मे दिया गया बयान बताकर आरोपी के खिलाफ सिर्फ 307 के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया और वजह बताई की आरोपी ने नशे की हालात मे अनाचार की बात कबूली थी..?

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकंडा पुलिस ने इस मामले मे तीन लोगो को अपनी हिरासत मे भी लिया था। अब देखना होगा की बुजुर्ग महिला सबन्धित अपराध मे पुलिस द्वारा इतनी सारी लापरवाही बरतने वाले दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते है,इतनी बड़ी घटना में थाना प्रभारी के ऊपर क्या कार्रवाही होगी यह देखना बाकि है.महिला के आत्म सम्मान को लेकर काम करने वाली साय सरकार में एक थानेदार की मनमानी शर्मसार करने वाली कही जा सकती है.

इस मामले में पीड़ित महिला के परिवार के सदस्य से हमारी बात हुई जिसमे उनका कहना था की बिलासपुर की पुलिस इस मामले को शायद दबाना चाहती है.हम लोग सरकारी सिस्टम से त्रस्त हो गए.एम्स में हमको बेड नहीं है यह बताया गया उसके बाद हमको कल शाम को डीकेएस हॉस्पिटल भेज दिया गया.वहां से जब यह जानकारी मिली की यहाँ वेंटिलेटर खाली नहीं है तब हमको वापस एम्स लाया गया.हम गरीब लोग है इसलिए हमारी कोई सुनवाई नहीं है.बहुत बार निवेदन करने के बाद एम्स के एम्बुलेंस वाले वापस एम्स हॉस्पिटल लेकर आये.इतनी बदहाल व्यवस्था से हम लोग परेशान हो गए है.पीड़ित महिला के परिवार ने मुख्यमंत्री साय से सहयोग की अपील भी की है.

आखिर क्यो सवालों के घेरे मे थानेदार..!!

* घटनास्थल पर नग्न अवस्था मे मिलने के बाद भी मेडिकल परीक्षण मे 30 घण्टे बाद मेमो भेजना…*

नशे की हालात मे आरोपी ने कबुला की उसने महिला से पहले अनाचार किया था * लेकिन पुलिस ने माना नशे मे दिया गया झूठा बयान *

तीन दिन बाद सरकंडा पुलिस द्वारा निर्वस्त्र मिली महिला का मेडिकल करवाया गया *

आसपास के लोगो और परिजनों की रेप की शंका के बाद भी आरोपो को गंभीरता से नही लेना *

मेडिकल रिपोर्ट नही आने के पहले हड़बड़ी मे प्रेस विज्ञप्ति जारी कर महिला की पहचान उजागर करना *

यही नही इस पूरे मामले मे पुलिस अधिकारियों को यही नही पता की महिला रायपुर एम्स मे इलाज करा रही या डी के एस अस्पताल मे **

रात एक बजे पीने के पानी को लेकर पुलिस द्वारा वजह बताना *

कुल मिलाकर न्यायधानी में इतनी बड़ी घटना घट जाती पर उच्च अफसरों को कोई जानकारी न हो ऐसा भी नहीं माना जा सकता.एक थानेदार अपनी मनमानी करने पर उतारू होकर कुछ भी कर रहा है.एक गरीब परिवार की महिला आज जिंदगी की जद्दोजहद में जूझ रही है पर उसकी सुध लेना वाला कोई भी नहीं है.शायद आज मानवता मर चुकी है.एक महिला के साथ इतनी विभत्स घटना घट जाती है उसका परिवार उसको बचाने के लिए रायपुर में भटकने को मजबूर है.ऐसा सुशासन भी किस काम का है.

Anil Mishra

Related Articles

Back to top button